Hanuman Chalisa Lyrics in English Explained.

The “hanuman chalisa mp3 download udit narayan mr jatt” is composed with the aid of Saint Goswami Tulsidas, the writer of the Tulsi Ramayana (Ramacharitamanasa). आज बड़ा मंगलवार है. आज भक्त हनुमान जी की पूजा अर्चना कर रहे हैं और बड़ा मंगलवार (Bada Mangalwar) बड़े धूमधाम से मना रहे हैं. हिंदू धर्म (Hindu Religion) में हनुमान जी (Hanuman Ji) का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि बड़ा मंगलवार के मौके पर हनुमान जी की पूजा, उपासना, मंत्र और चालीसा (Chalisa) पाठ करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी को कलियुग का अकेला जीवित भगवान माना जाता है. उन्हें भगवान शिव का अंश माना जाता है. मान्यतानुसार श्रीराम (Shree Rama) की आज्ञा का पालन करते हुए आज भी हनुमान जी भक्तों की रक्षा और कल्याण के लिए पृथ्वीलोक पर वास करते हैं और बड़ी से बड़ी समस्या का निवारण हनुमान जी की पूजा (Puja) से हो जाता है. If

हनुमान जी की कृपा से धन, विजय और आरोग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि जिन जातकों को आर्थिक परेशानी है या जो लोग लंबे समय से सफलता के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उन्हें बड़ा मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना करनी चाहिए और इसके बाद हनुमान चालीसा और सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए. आज बड़ा मंगलवार पर हम आपके लिए लेकर आए हैं हनुमान चालीसा…

Significance of Hanuman Chalisa

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दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

चौपाई :

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥

राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥

शंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥

विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर॥७॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मनबसिया॥८॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥

लाय सजीवन लखन जियाए श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावै अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥

दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥

राम दुआरे तुम रखवारे होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥

आपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥

भूत पिशाच निकट नहि आवै महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥

नासै रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥

संकट तै हनुमान छुडावै मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥

सब पर राम तपस्वी राजा तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥

और मनोरथ जो कोई लावै सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥

चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥

साधु संत के तुम रखवारे असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता अस बर दीन जानकी माता॥३१॥

राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥

तुम्हरे भजन राम को पावै जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥

और देवता चित्त ना धरई हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥

संकट कटै मिटै सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥

जै जै जै हनुमान गुसाईँ कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥

जो सत बार पाठ कर कोई छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥

दोहा :

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।। (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.) the Son of Wind, You are the destroyer of all sorrows. You are the embodiment of fortune and prosperity by “hanuman chalisa mp3 download udit narayan mr jatt”. With Lord Rama, Laxmana, and Mother Sita, reside in my coronary heart, always.

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